वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ देशभर में तेज हुआ विरोध, मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों में नाराजगी

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वक्फ अधिनियम 2025 के विरोध में कोलकाता, कश्मीर, लखनऊ और मुंबई सहित कई शहरों में प्रदर्शन। AIMIM, पीडीपी और छात्रों ने

नई दिल्ली: संसद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के पारित होने के बाद, देश के कई हिस्सों में इसके विरोध में प्रदर्शन और रैलियों की बाढ़ आ गई है। जुमे की नमाज़ के बाद कोलकाता, कश्मीर, लखनऊ, मुंबई सहित कई प्रमुख शहरों में मुस्लिम समुदाय और छात्र संगठनों ने इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया।

विपक्षी दलों ने इस अधिनियम को संविधान विरोधी और अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।

मुख्य शहरों में विरोध की झलक:

कोलकाता: आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस से लेकर ‘सेवन पॉइंट क्रॉसिंग’ तक रैली निकाली और कुछ समय के लिए यातायात रोककर कानून वापस लेने की मांग की।

श्रीनगर: पीडीपी महासचिव खुर्शीद आलम की अगुवाई में निकाले गए विरोध मार्च को पुलिस ने पार्टी कार्यालय पर ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।

लखनऊ: शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद की अगुवाई में आसिफी मस्जिद में प्रदर्शन हुआ, जिसमें अधिनियम के साथ-साथ मदीना स्थित जन्नतुल बकी कब्रिस्तान के पुनर्निर्माण की भी मांग की गई।

मुंबईAIMIM प्रवक्ता वारिस पठान और कई कार्यकर्ताओं को बायकुला मस्जिद के पास से हिरासत में ले लिया गया। पठान ने इसे मुस्लिम अधिकारों पर सीधा हमला बताया और शांतिपूर्ण संघर्ष की घोषणा की।

राजनीतिक और संवैधानिक सवाल

विपक्ष का आरोप है कि यह अधिनियम अल्पसंख्यकों की संपत्ति और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हस्तक्षेप है। पीडीपी ने इसे लोकतंत्र के विरुद्ध बताया है, वहीं AIMIM ने कृषि कानूनों की तरह इस अधिनियम को भी रद्द करने की मांग की है।

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