इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिसने दुनियाभर में चर्चा को जन्म दिया है। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, पाकिस्तानी हिंदू समुदाय ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने क्षेत्र में राम मंदिर निर्माण का बीड़ा उठाया है।
इस मंदिर के मुख्य पुजारी थारू राम, स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ मिलकर इस कार्य को पूर्ण श्रद्धा से आगे बढ़ा रहे हैं। यह मंदिर न तो किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है और न ही सरकारी सहायता से बन रहा है, बल्कि पूर्ण रूप से श्रद्धालुओं की आस्था और सहयोग पर आधारित है।
गंगा जल से पवित्र होगा मंदिर परिसर
थारू राम भारत से विशेष रूप से गंगाजल लेकर आए हैं, जिसे मंदिर की पवित्रता के लिए अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है। उन्होंने बताया, "मैंने गंगा मां से धन नहीं मांगा, सिर्फ राम मंदिर मांगा।" यह भावुक पल दोनों देशों के हिंदू समुदाय के लिए भक्ति और समर्पण का प्रतीक बन गया है।
सामाजिक सौहार्द और सामूहिक भागीदारी का उदाहरण
मंदिर निर्माण छह महीने पहले शुरू हुआ था और अब मूर्ति स्थापना का कार्य बाकी है। परिसर में सत्संग मंच, चारदीवारी और अन्य सुविधाओं का तेजी से निर्माण हो रहा है। पाकिस्तान भर के हिंदू श्रद्धालु इस कार्य में ईंट, सीमेंट, श्रम और सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
दिलचस्प रूप से, स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी इस पहल का समर्थन किया है, जो सामाजिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता का अनूठा उदाहरण बन चुका है।
आस्था की सीमाएं नहीं होतीं
थारपारकर के मेघवाल बड़ा गांव के लिए यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि समुदाय की पहचान और अस्तित्व का प्रतीक बन गया है। यह पहल न सिर्फ पाकिस्तान में, बल्कि विश्वभर के हिंदू समुदाय को एक नई आशा और ऊर्जा दे रही है।